Wheat Sowing: अगले 10 दिन में गेहूं बुआई का आखिरी चरण, रकबे की कमी पूरी हो जाएगी
Wheat Sowing: कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सीजन के आखिरी हफ्ते तक गेहूं की बुवाई 320.54 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 324.58 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी.
(Image- Freepik)
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Wheat Sowing: गेहूं की बुवाई का जारी आखिरी चरण अगले 10 दिन तक और जारी रहेगा और रबी सीजन 2023-24 में इसके रकबे में जो कमी है उसे पूरा कर देगा. कृषि आयुक्त पी के सिंह ने यह जानकारी दी. कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी (सीजन के आखिरी हफ्ते तक गेहूं की बुवाई 320.54 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 324.58 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी.
गेहूं (Wheat) मुख्य रबी फसल है, जिसकी बुवाई सामान्यतः अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च से अप्रैल तक होती है. सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, जब आप पिछले पांच साल के औसत गेहूं बुवाई के रकबे यानी 307.32 लाख हेक्टेयर से तुलना करते हैं, तो इस साल अबतक गेहूं का रकबा अधिक है. हालांकि, अगले दस दिनों तक बुवाई जारी रहेगी और इस कमी को पूरा कर लिया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर गेहूं की बुवाई (Wheat Sowing) चल रही है जहां अभी आलू की कटाई हो चुकी है. कृषि आयुक्त ने यह भी कहा कि इस रबी सीजन में कुल बोए गए रकबे के 60% से अधिक रकबे में जलवायु-अनुकूल बीज बोए गए हैं.
गेहूं की नई किस्मों से बढ़ेगा उत्पादन
मौसम विभाग (IMD) के दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार, तापमान गेहूं की फसल की सामान्य बढ़ोतरी के लिए अनुकूल रहेगा. उन्होंने कहा कि गेहूं की नई किस्मों को अपनाने से उत्पादकता अधिक रहने की उम्मीद है. वर्तमान में गेहूं की फसल अंकुरण और कल्ले फूटने की अवस्था में है. उन्होंने कहा कि मौजूदा ठंडे तापमान में फसल की संभावनाएं अच्छी दिख रही हैं.
सरकार ने मार्केटिंग ईयर 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.
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09:24 PM IST